पंचायत सचिवों पर दबाव डालने पर पूरी महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद चंद्राकर ने की निंदा

महासमुन्द: पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने सरकार द्वारा पंचायत सचिवों पर अनावश्यक दबाव डालने, उनके कार्यों का प्रभार अन्य कर्मचारियों को देने की निंदा की है।
विनोद चंद्राकर ने कहा कि पंचायत सचिवों के कार्यों का प्रभार जनपद के करारोपण अधिकारियों, कृषि विस्तार अधिकारियों सहित रोजगार सहायकों को दिया जा रहा है। इन कर्मचारियों के पास पहले से अपने विभाग से संबंधित कामों की अधिकता है। ऐसे में मैदानी कर्मियों पर काम का बोझ बढ़ेगा तथा उनके मूल विभाग के कार्य भी अटक जाएंगे। जिससे आम जनता की परेशानी और बढ़ेगी। सरकार के इस निर्णय से ना तो पंचायतों के कार्य हो पाएंगे और ना ही मैदानी कर्मचारियों के संबंधित विभाग के कार्य होंगे। उन्होंने विज्ञप्ति में कहा कि गाँवों में मूलभूत कार्य, विकास कार्य, वृद्धा पेंशन, पीएम आवास, पीएम जनमन, आय जाति, निवास सहित समस्त प्रकार के कार्य ठप पड़े हैं। इसके बाद भी सरकार लगातार सुशासन का ढोल पीट रही है।
100 दिन के भीतर मोदी की गारंटी के तहत पंचायत सचिवों से भाजपा ने शासकीयकरण करने का वादा किया था। अब अपनी एक गारंटी को झूठलाते हुए पूरी व्यवस्था को प्रभावित करने भाजपा की साय सरकार जुटी हुई है।
पंचायत सचिव पिछले माह भर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। वर्तमान ग्रीष्म ऋतु में ग्रामों में सबसे अधिक पेयजल की समस्या का सामना ग्रामीणों को करना पड़ रहा है। सचिवों की हड़ताल के चलते पंचायत की राशि मूलभूत कार्यों के लिए नहीं निकल पा रही है। सरकार ने समय रहते पंचायत सचिवों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं किया तो इस आंदोलन का प्रभाव सबसे अधिक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों पर पड़ेगा। उन्होंने पंचायत सचिवों की मांग को जायज बताते हुए भाजपा सरकार से पंचायत सचिवों की मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की है।