लोकसभा चुनाव में 4 भोजपुरी सितारों में 2 की जीत, दो की हुई हार
![](https://www.chauchakmedia.in/wp-content/uploads/2024/06/WhatsApp-Image-2024-06-04-at-16.18.52-780x470.jpeg)
उत्तर प्रदेश : लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने लगे हैं। वोटों की गिनती अब तक जारी है। इस बार चुनाव में भोजपुरी सिनेमा जगत के चार सितारों ने सियासी दंगल में हिस्सेदारी की थी। 6 हफ्ते तक धुआंधार प्रचार हुआ। सात चरणों में मतदान हुआ, लेकिन पहली बार चुनाव लड़ रहे पवन सिंह और निवर्तमान सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ इस बार हार गए हैं! जबकि मनोज तिवारी और रवि किशन अपनी संसदीय सीट बचाने में कामयाब रहे हैं।
विंद्र किशन शुक्ला उर्फ रवि किशन। एक्टर, फिल्म प्रोड्यूसर और टीवी पर्सनैलिटी होने के साथ-साथ राजनेता भी हैं। वे वर्तमान में गोरखपुर से लोकसभा के सांसद हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लगातार रैलियां करने और जनता के बीच लगातार चर्चा में रहे रवि किशन जीत रहे हैं। उन्हें दोपहर तीन बजे तक 401868 वोट मिले हैं। वह +61418 वोट से आगे चल रहे हैं। रवि किशन ने समाजवादी पार्टी की काजल निशाद को हराया है।
मनोज तिवारी, बीजेपी, उत्तर-पूर्वी दिल्ली
दोपहर तीन बजे तक 583189 वोट मिले हैं। + 137474 वोट से आगे चल रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के कन्हैया कुमार को शिकस्त दी है। पूरे चुनावा में दिल्ली की उत्तर-पूर्वी सीट सबसे हॉट सीट बनी हुई थी। यहां पर बीजेपी के वर्तमान सांसद मनोज तिवारी और कांग्रेस के टिकट पर INDIA गठबंधन प्रत्याशी कन्हैया कुमार का तगड़ा मुकाबला था। हर किसी की नजरें इस सीट पर टिकी हुई थीं, लेकिन नतीजे चौंकाने वाले रहे। जबकि कन्हैया ये दावा कर रहे थे कि मनोज तिवारी कभी दिल्ली की उत्तर-पूर्वी इलाके में झांकने तक नहीं आए तो वो यहां के लोगों का दर्द क्या ही जानेंगे। सोशल मीडिया पर भी मनोज के खिलाफ लोग सुर में सुर मिला रहे थे।
पवन सिंह, निर्दलीय, काराकाट
बिहार के काराकाट लोकसभा क्षेत्र से
तीन बजे तक -69534 वोट से पीछे चल रहे हैं। पवन सिंह को कुल 127309 वोट मिले हैं। वह तीसरे नंबर पर हैं। काराकाट से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के राजा राम सिंह 62348 वोटों से आगे चल रहे हैं। जबकि उनके बाद राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा हैं। पवन सिंह भी इस बार खूब चर्चा में रहे, लेकिन चुनाव से उनका स्टारडम काम नहीं आया। वो फ्लॉप साबित हुए। उन्हें बीजेपी ने आसनसोल से टिकट दिया गया था, लेकिन उन्होंने वहां पर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। फिर उन्होंने काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें निकाल दिया। उनकी चुनावी रैलियों में भीड़ तो जुटी लेकिन वो चुनावी मैदान में उन्हें सीपीआई के राजा राम सिंह से करारी शिकस्त मिली।
भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ भी चुनाव हारने की कगार पर हैं। निरहुआ को समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने पछाड़ा है। निरहुआ को दोपहर तीन बजे तक 167560 वोट मिले हैं और वो -93195 वोट से पीछे चल रहे हैं। आजमगढ़ को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। इस सीट पर भी सबकी नजरें टिकी होती हैं।