छग/मप्र

आईएएस अधिकारी अवनीश शरण, ने अपनी मार्कशीट शेयर कर संदेश दिया,, है कि किसी कक्षा में मेरिट पाने या बेहतर पर्सेंटेज स्कोर करने मात्र से जिंदगी में सफलता नहीं मिलती

कहते हैं कि सफलता कभी अंकों की मोहताज नहीं होती है। अगर आप में काबिलियत और जज्बा है तो सफलता खुद-ब-खुद आपके पास आएगी। यह पंक्तियां चरितार्थ हो रही हैं छत्तीसगढ़ कैडर के एक आईएएस अधिकारी पर। बिहार मूल का औसत से भी कमजोर छात्र एक दिन देश का चर्चित आईएएस अफसर बनेगा, यह खुद उसने भी नहीं सोचा होगा।

 

हम बात कर रहे हैं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अवनीश शरण की। अवनीश शरण बेहद गरीब परिवार से थे। बचपन लालटेन की रोशनी में पढ़कर बिताया करते थे। 10वीं और 12वीं कक्षा तक भी एक औसत छात्र रहे। जिसका उन्हें कोई अफसोस भी नहीं है। लेकिन आज वे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। उनके ट़्विटर हैंडल पर चार लाख 20 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

 

10वीं में 314 अंकों के साथ हुए थे पास-

अवनीश शरण ने सोशल मीडिया पर अपनी 10वीं कक्षा की मार्कशीट शेयर की है। मार्कशीट में देखा जा सकता है कि अवनीश 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में थर्ड डिवीजन यानी तृतीय श्रेणी से पास हुए थे। उन्हें 700 में से सिर्फ 314 अंक मिले हैं। मार्कशीट के अनुसार, हिंदी में 100 में से 54 अंक, संस्कृत में 100 में से 30 अंक, गणित में 100 में से 31 अंक, फिजिक्स में 50 में से 21 अंक, केमिस्ट्री में 50 में से 18 अंक, बायोलॉजी में 50 में से 26 अंक मिले हैं। इसके बावजूद वे आईएएस अधिकारी बने हैं।

 

क्यों शेयर की मार्कशीट?

आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने अपनी मार्कशीट शेयर कर संदेश दिया है कि किसी कक्षा में मेरिट पाने या बेहतर पर्सेंटेज स्कोर करने मात्र से जिंदगी में सफलता नहीं मिलती है। सफलता का अंकों या मार्कशीट से लेना-देना नहीं होता। हाल ही कई बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट जारी हुए हैं। कई माता-पिता बच्चों के कम नंबर आने पर डांट लगाते हैं जोकि अनुचित है। अगर, उन बच्चों को सकारात्मकता के साथ मार्ग दिखाया जाए तो वे भी परिवार का नाम रोशन कर सकते हैं।

 

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