दिल्ली अध्यादेश बिल पर राघव चड्ढा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर साधा निशाना
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Delhi News: बीजेपी ने राज्यसभा में दिल्ली ऑर्डिनेंस बिल (Delhi Ordinance Bill) पेश किया जिस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद चर्चा चल रही है. आम आदमी पार्टी (AAP) की तरफ से चर्चा में हिस्सा लेते हुए सांसद राघव चड्ढा ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला और दावा किया कि यह बिल राजनैतिक धोखा है. उन्होंने इस दौरान दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की. राघव चड्ढा ने साथ ही कहा कि बीजेपी के नेताओं ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए 40 साल तक संघर्ष किया लेकिन आज वह खुद इससे पीछे हट रही है.
VIDEO | "Delhi services bill is a political fraud, constitutional sin and will create an administrative logjam," says AAP MP @raghav_chadha during the discussion on Delhi services bill in Rajya Sabha.
(Source: Third Party) pic.twitter.com/QqACuEoQUd
— Press Trust of India (@PTI_News) August 7, 2023
राघव चड्ढा ने इसे संवैधानिक पाप, प्रशासनिक गतिरोध और राजनैतिक धोखा करार दिया. चड्ढा ने बीजेपी को याद दिलाया कि कैसे अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे उनके नेताओं ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष किया है इसलिए उनके संघर्षों का अपमान न करें. राघव चड्ढा ने कहा, ”यह कहानी 1977 से 2015 की कहानी है. बीजेपी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए 40 साल तक संघर्ष किया. 1977 में बीजेपी ने मांग की थी कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए.1989 के लोकसभा चुनाव का घोषणापत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की गई है.”
राघव के तर्कों पर मुस्कराते दिखे सभापति
राघव ने आगे कहा, ”यहां तक कि 1991 में कांग्रेस की सरकार ने दिल्ली में विधानसभा का गठन किया तो उसे अपर्याप्त मानते हुए लालकृष्ण आडवाणी जी, मदनलाल खुराना जी सबने यह बयान दिया कि यह भी दिल्ली के साथ न्याय नहीं है, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और हम इसके लिए आंदोलन चलाएंगे..” राघव चड्ढा जब यह बात कह रहे थे तो राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ मुस्कारते नजर आए.
बीजेपी को दिलाई उसे के संघर्षों की याद
सांसद चड्ढा ने हमला जारी रखा और कहा, ”1998 और 1999 में बीजेपी ने फिर अपने मेनिफेस्टो में पूर्ण राज्य की मांग की. इन्होंने बड़ा आंदोलन चलाया, सड़कों पर लाठियां खाईं और जाने क्या-क्या किया. दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए. आखिरकार वह दिन आया जब वाजपेयी सरकार के उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी इस सदन में संवैधानिक संशोधन बिल लाए जो कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का देने की बात करता है.”