आप प्रदेश प्रवक्ता सूरज उपाध्याय का बड़ा बयान, टीएस सिंहदेव के डिप्टी सीएम बनने पर जनता को थी उम्मीद
रायपुर : हाल ही उपमुख्यमंत्री बने टीएस सिंहदेव का बयान आया है कि वो अब चुनाव घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष नहीं रहेंगे। टीएस सिंहदेव के बयान को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने पलटवार किया है। उन्होंने पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि 2018 में टीएस सिंहदेव इस समिति के अध्यक्ष थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने कई वादे पूरे नहीं किये। अब, जब चुनाव नजदीक आये हैं तो सिंहदेव का ये बयान आया है। वो पूरे 5 साल खुद को असमर्थ बताते रहे। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ की जनता से जो वादा किया गया था आधे से ज्यादा वादा घोषणा पत्र में है और जो वादा पूरा किया गया वह आधा-अधूरा पूरा किया गया। प्रदेश की जनता को टीएस सिंहदेव से उम्मीद थी कि डिप्टी सीएम बनने के बाद वह अपना वादा निभाएंगे, लेकिन वह तो चुनाव घोषणापत्र समिति से खुद को अलग कर लिए।
‘आप’ मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने कहा, घोषणा पत्र समिति के टीएस सिंहदेव संयोजक थे, प्रदेश में सरकार बनने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ घूम-घूमकर प्रदेश की जनता को यह विश्वास दिलाया कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो घोषणा पत्र में किए गए वादा को इतने-इतने दिनों में पूरा करेंगे। घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करना, स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित करना, 10 लाख युवाओं को रोजगार देना, 2500 भत्ता देना, रसोईयां संघ का मानदेय कलेक्ट्रेट दर पर करना, इस तरह से कई वादे थे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से टीएस बाबा के साथ धोखा किया वही धोखा अब टीएस बाबा प्रदेश की जनता के साथ कर रहे हैं। टीएस सिंहदेव यह कह कर धोखा कर रहे हैं कि मैं अगली बार घोषणापत्र समिति में नहीं रहूंगा।
सूरज उपाध्याय ने कहा कि आपने जो वादा प्रदेश की जनता के साथ किया, उससे आप छल कर रहे हैं। रसोईया संघ आज हड़ताल पर हैं। उनका मानदेय 1500 रुपए था, जिसको कांग्रेस ने 300 बढ़ाकर 1800 रुपए कर दिया। किसी भी लेवर को या कर्मचारी को कलेक्टर दर से कम पैसा दिया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। उसी तरह से भूपेश सरकार रसोईया संघ को 1800 रुपए प्रतिमाह वेतनमान देती है। यानी कि प्रतिदिन के हिसाब से 60 रूपए हुआ, तो क्यों नहीं भूपेश सरकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, क्योंकि सरकार खुद ही कलेक्टर दर का पालन नहीं करती है। भूपेश सरकार ने 10 लाख युवाओं को नौकरी देने की बात की थी, लेकिन 10 लाख कहां नौकरी दी, इसका पता नहीं है।
सूरज उपाध्याय ने कहा कि 18 लाख 33 हजार बेरोजगार आज सड़क पर घूम रहे हैं, नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। लेकिन उनको नौकरी नहीं मिल रही है और और जब वह नौकरी की मांग को लेकर बूढ़ा तालाब पर प्रदर्शन करते हैं तो इनकी पुलिस ने पीटने का काम करती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बेरोजगारों को 2500 रुपए भत्ता देने की बात की थी, लेकिन पिछले 4 साल तक नौकरी नहीं दिए और आरक्षण के नाम पर यह छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को ठगते रहे। 4 साल 4 महीने बाद 2500 रुपए देने की बात की गई, एक लाख 30 हजार रुपए बेरोजगारों का भूपेश सरकार खा गई। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ छल किया है।
उपाध्याय ने कहा, शासन के विभाग के 145 संगठन 1 अगस्त से बेमियादी हड़ताल पर जा रहे हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस सरकार में उसके कर्मचारी खुश नहीं है। इसका मतलब यह है कि आप सरकार जाने की बेला आ चुकी है। सरकार की जितनी भी योजनाएं होती हैं, उनको धरातल पर आना और उनका क्रियान्वयन करना शासकीय कर्मचारियों की जिम्मेदारी होती है। जब वह खुश नहीं है तो जनता का काम कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से जो वादा किया गया, वह पूरा नहीं किया गया, और ऐसे में जब चुनाव का समय है, जब भूपेश बघेल और कांग्रेस पर से जनता का भरोसा खत्म हो रहा है, तो अब टीएस सिंहदेव कह रहें हैं कि वो अब चुनाव घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष नहीं रहेंगे।