यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क दुरुस्त करने काम हुआ शुरू, यातायात पूरी तरह से बंद
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उत्तरकाशी : यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओरछा बैंड के पास भूधंसाव जोन में आज से सुरक्षात्मक कार्य शुरू कर दिया है। यह कार्य 10 जुलाई तक चलेगा। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुबह और शाम को ही वाहन चलेंगे। सुबह दस से शाम चार बजे तक यातायात पूरी तरह से बंद रहेगा। चारधाम यात्रा के साथ उत्तरकाशी जनपद की गंगा घाटी से यमुना घाटी को जोड़ने के लिए यह राजमार्ग महत्वपूर्ण है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर 24 जून की रात को भूधंसाव हुआ था, इससे सड़क का एक बड़ा हिस्सा भूधंसाव की जद में आया था। इस स्थान पर करीब 12 घंटे यातायात अवरुद्ध रहा। किसी तरह से इस स्थान पर यातायात को तो सुचारू किया, परंतु भूधंसाव का खतरा निरंतर बना हुआ है। यह भूधंसाव जोन यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगलचट्टी के बीच है। इस क्षेत्र में राजमार्ग के रखरखाव की जिम्मेदारी सिलक्यारा सुरंग का निर्माण करने वाली कंपनी एनएचआइडीसीएल के पास है। एनएचआइडीसीएल (नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन) ने मार्ग की मरम्मत शुरू कर दी है।
हाईवे पर यातायात बंद
निर्माण के दौरान जिला प्रशासन ने हाईवे पर यातायात बंद रखने की अनुमति दी है। यह अनुमति मंगलवार से लेकर 10 जुलाई तक दी गई है। अपर जिलाधिकारी तीरथ पाल सिंह ने कहा कि चार से लेकर 10 जुलाई के बीच यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओरछा बैंड के पास सुबह 10 बजे से लेकर शाम चार बजे तक और रात 10 बजे से लेकर सुबह चार बजे तक मार्ग पर यातायात पूरी तरह से बंद रहेगा, जबकि सुबह चार बजे से सुबह दस बजे और शाम चार बजे से लेकर रात 10 बजे तक तक मार्ग पर यातायात सुचारु रहेगा।
वर्षा की भेंट चढ़ी सड़क, खतरे में सफर
रिखणीखाल क्षेत्र के अंतर्गत बंजादेवी-पाणीसैंण-मैंदणीसारी मोटर मार्ग जवाड़ीरौला के समीप क्षतिग्रस्त हो गया। यह मार्ग क्षेत्र के करीब पचास से अधिक ग्राम सभाओं को जोड़ता है। बदहाल मार्ग पर ग्रामीण जान-जोखिम में डाल सफर कर रहे हैं। मार्ग पर जगह-जगह बने गड्ढे भी वाहन चालकों की कमर तोड़ रहे हैं। ग्रामीणों ने संबंधित विभाग से जल्द सड़क मरम्मत करवाने की मांग की है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना कार्यालय (सिंचाई खंड) कोटद्वार को वित्तीय वर्ष 2015-16 में बंजा देवी-रिखणीखाल मोटर मार्ग के डामरीकरण के लिए 9.70 करोड़ की धनराशि जारी की गई थी।
गुणवत्ता पर उठे थे सवाल
23 जुलाई 2015 से डामरीकरण कार्य शुरू किया गया था और 2018 तक विभाग ने 25 किलोमीटर लंबे मार्ग का मरम्मत कार्य पूर्ण कर दिया था। सड़क मरम्मत के दौरान ग्रामीणों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किए थे। लेकिन, विभाग ने ग्रामीणों के सवालों को गंभीरता से नहीं लिया। वर्तमान में सड़क पूरी तरह बदहाल स्थिति में है। रविवार शाम क्षेत्र में हुई तेज वर्षा के कारण जवाड़रौला के समीप सड़क का पुस्ता भी ढ़ह गया।
सड़क मरम्मत को लेकर गंभीरता नहीं
क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद रावत ने बताया कि वर्तमान में सड़क की देखरेख का कार्य पीएमजीएसवाइ श्रीनगर के पास है। श्रीनगर दूर होने के कारण अधिकारी सड़क मरम्मत को लेकर गंभीरता नहीं दिखाते। उक्त सड़क से हर रोज सैकड़ों वाहन आवाजाही करते हैं। ऐसे में कब बड़ी दुर्घटना हो जाए, कहा नहीं जा सकता। शिकायत के बाद अधिकारी बरसात समाप्त होने के बाद ही सड़क मरम्मत करवाने की बात कह रहे हैं।