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सब्जी मंडी में दाम पता करने पहुंचे राहुल गांधी, कहा- लहसुन 400 रुपए किलो.. सरकार

सब्जी मंडी में दाम पता करने पहुंचे राहुल गांधी, कहा- लहसुन 400 रुपए किलो.. सरकार बढ़ती महंगाई पर नहीं दे रही ध्यान; शेयर किया

 

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सब्जी मंडी में सब्जियों का मूल्य जानने के लिए गए. यहां उन्होंने दुकानदार से लहसुन, टमाटर और शलजम सहित कई सब्जियों के दाम पता किए. दुकानदार ने उन्हें बताया कि लहसुन 400 रुपये प्रति किलो था. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर अपनी सब्जी मंडी की यात्रा का वीडियो पोस्ट किया है, जहां उन्होंने लिखा है कि बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है और सरकार कुंभकरण की नींद सो रही है.

जिस वीडियो को राहुल गांधी ने शेयर किया है, उसमें बताया गया है कि यह दिल्ली के गिरी नगर के सामने स्थित हनुमान मंदिर की सब्जी मंडी का है. वीडियो में महिलाएं कहती हैं कि उन्होंने राहुल गांधी को चाय पर बुलाया है ताकि वह आकर देखें कि महंगाई कितनी बढ़ गई है, जिससे हमारा बजट लगातार खराब हो रहा है. राहुल गांधी से बातचीत करते हुए महिलाएं कहती हैं कि किसी की सैलरी नहीं बढ़ी है, लेकिन रेट बढ़ गया है और अब भी बढ़ेगा

40-50 से नीचे कुछ भी नहीं मिल रहा

राहुल गांधी वीडियो में महिलाओं से पूछते हैं कि वे आज क्या खरीद रहे हैं? एक महिला कहती है कि वह कुछ टमाटर और प्याज खरीद रही है ताकि कुछ चल जाए. दूसरी महिला सब्जी बेचने वाले से पूछती है कि इस बार सब्जी इतनी महंगी क्यों है? वे कहते हैं कि कोई भी सब्जी 30-35 रुपये से कम नहीं है, सब 40-50 रुपये से अधिक

राहुल गांधी ने जो वीडियो पोस्ट किया है, उसमें सब्जी वाला कहता है कि इस बार बहुत महंगाई है, जो पहले कभी नहीं हुई है. राहुल गांधी ने सब्जी वाला से पूछा कि लहसुन की कीमत कितनी है? सब्जी वाला बताता है कि 400 रुपए प्रति किलो है.

 

पिछले दिनों दिल्ली के एक किराना स्टोर का दौरा किया। किराना स्टोर्स सिर्फ़ सामान बेचने के माध्यम भर नहीं हैं। इनके कस्टमर्स के साथ इमोशनल और कल्चरल कनेक्शन्स होते हैं, लेकिन क्विक कॉमर्स बिजनेस के तेज़ी से बढ़ने के कारण हज़ारों किराना स्टोर बंद हो रहे हैं, जो कि चिंताजनक है

 

राहुल गांधी ने एक महिला से पूछा कि आपको क्या लगता है कि महंगाई क्यों बढ़ रही है? उसने कहा कि सरकार महंगाई पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है, सिर्फ अपने भाषणों से मतलब है. सरकार को इससे मतलब नहीं है कि आम आदमी खाना क्या खाएगा. चीजें जो पहले 500 रुपये की थीं, आज 1000 रुपये की हैं. खर्च कम करने के लिए फिर से कटौती करनी पड़ेगी, जिससे हम लोगों को परेशानी होगी.

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