छग/मप्र

बेंगलूरु आश्रम की नाट्य मंडली के 13 कलाकारों ने किया रामलला की माता नाटक का मंचन

रायपुर. श्रीश्री रविशंकर के भाषण से प्रेरित संगीतमय नाटक ‘रामलला की माता’ का मंचन मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम हुआ। लेखक व निदेशक पंकज मणि लिखित इस नाटक का मंचन बेंगलूरु आश्रम की नाट्य मंडली के 13 कलाकारों ने किया।

नाटक को मूल संगीत रचनाओं, राजनीतिक व्यंग्य, सामयिक हास्य और ढेर सारी मस्ती के धागों के ताने-बाने में पिरोया गया था। जानकारी के मुताबिक, नाटक से होने वाली आय आर्ट ऑफ लिविंग के जरिए सामाजिक और ग्रामीण कल्याण परियोजनाओं दी जाती है। संगीतमय नाटक ‘रामलला की माता’ में बताया गया कि कैसे कैकेयी और मंथरा को रामायण में दर्शाया गया है।

वे रामायण के सबसे महत्वपूर्ण पात्र थे, जो राम को अमर बनाने के साधन बने। दोनों ने सुनिश्चित किया कि राम वनवास जाएं और इस प्रक्रिया में वे ऐसी बुराई के प्रतीक बन गए कि हमारी सभ्यता के हज़ारों सालों में, किसी ने भी अपनी बेटियों का नाम कैकेयी या मंथरा रखने की हिम्मत नहीं की।

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