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अभिनेता से सांसद बने रविकिशन आज मना रहे हैं अपना 55वां जन्मदिन

उत्तर प्रदेश :  रवि किशन सिनेमा की दुनिया का एक ऐसा नाम है, जिसे किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भोजपुरी सिनेमा से लेकर साउथ तक रवि किशन ने अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है। रवि किशन भोजपुरी सिनेमा की दुनिया के सूर्य की तरह चमक रहे हैं। उनकी इस सफलता के पीछे उनकी जीतोड़ मेहनत और आत्मविश्वास है। इस मुकाम पर पहुंचने के लिए रवि किशन ने ना सिर्फ मेहनत की थी बल्कि अपने पिता के हाथों लेदर की बेल्ट से मार भी खाई थी। तमाम अड़चनों के बाद जब अभिनेता के भाग्य का सूर्य उदय हुआ तो उन्होंने सफलता के शिखर को छुआ। उनकी शानदार अदाकारी के चलते लोग उन्हें भोजपुरी का अमिताभ बच्चन कहने लगे। अभिनय की दुनिया में किस्मत चमकाने के बाद रवि किशन ने राजनीति का रुख किया। राजनीति में भी उन्होंने सफलता हासिल की। मौजूदा समय में अभिनेता गोरखपुर से सांसद भी हैं।आज अभिनेता अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए इस मौके पर उनके जीवन के कुछ किस्सों को जानते हैं।

 संघर्षों में बीता जीवन
अभिनेता बनने का सपना पूरा करने के लिए रवि किशन ने खूब मेहनत और संघर्ष किया है। उनका बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा है। उनके अभिनेता बनने का सबसे अधिक विरोध उनके पिता ने ही किया था, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा नाचे-गाए। रवि किशन का जन्म मुंबई में हुआ था, लेकिन उनके पिता का व्यापार बंद हो जाने के कारण वह अपने शहर जौनपुर वापस चले आएं। रवि किशन को बचपन से ही सिनेमा का शौक था। अभिनय का ऐसा सुरूर चढ़ा उन्हें कि उन्होंने रामलीला में सीता की भूमिका निभाई। एक साक्षात्कार में उन्होंने खुलासा किया था कि उनके अभिनय के शौक के चलते उनके पिता ने उन्हें लेदर की बेल्ट से पीटा था।
17 साल की उम्र में भागे घर से
हीरो बनने का सपना रवि किशन ने बचपन में ही देख लिया था। इस बात का विरोध उनके पिता करते थे। आखिरकार 17 साल की उम्र में रवि किशन मां से 500 रुपये लेकर मुंबई भाग आए। अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने अपना घर और परिवार छोड़ दिया। रवि किशन ने एक बातचीत के दौरान कहा था, ‘उनकी मां ने उनके सपनों का हमेशा समर्थन किया है। उन्होंने बताया कि ये पैसे उनकी मां ने ही उन्हें दिए थे।’
तेरे नाम’ से हुए मशहूर
रवि किशन ने भोजपुरी फिल्मों में तो अपना झंडा गाड़ा ही, बल्कि बॉलीवुड और साउथ सिनेमा में भी शानदार प्रदर्शन किया। घर से 500 रुपये लेकर भागने वाले रवि किशन उसी चाल में रुके जहां उनका परिवार पहले रहता था। संघर्ष करते हुए उन्हें 1992 में बी-ग्रेड की फिल्म ‘पीतांबर’ में काम करने का मौका मिला। हालांकि, इसके बाद भी वह कुछ खास नहीं कर पाएं। उनके सितारे तो तब चमके जब उन्होंने सलमान खान की फिल्म ‘तेरे नाम’ में भूमिका चावला के मंगेतर का किरदार निभाया। उनके इस किरदार ने उन्हें मशहूर कर दिया। इस फिल्म के बाद उन्होंने कई सारी फिल्में की।

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