छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की रेस में जानें कौन-कौन, भाजपा से 4 तो कांग्रेस से टीएस सिंहदेव
Cg Assembly Election : प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया है। जिसके बाद अनुमानों का बाजार गर्म हो गया है। राजनीतिक गलियारों में सब तरफ एक ही चर्चा हो रही है। किसकी सरकार बनने जा रही है। किसे हार का सामना करना पड़ सकता है। राजधानी रायपुर के चारों सीट इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीति के जानकारों से लेकर आम आदमी अपनी-अपनी राय देते दिख रहे हैं।
राजधानी रायपुर के चारों सीटों में अगर किसी उम्मीद्वार को अनुमानों में स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। तो वे भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल हैं। जो पिछले 7 बार से विधायक हैं। ग्रामीण विधानसभा सीट को पहले कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा बताया जा रहा था। जो चुनाव के बाद कांटे की टक्कर मानी जा रही है। वहीं सबसे ज्यादा दिलचस्प उत्तर विधानसभा सीट को बताया जा रहा है। यहां कांग्रेस-भाजपा के साथ निर्दलीय प्रत्याशी अजीत कुकरेजा भी मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है। क्या 75+ का आंकड़े देने वाली कांग्रेस 75+सीट हासिल कर पाएगी। तो ऐसा बिल्कुल नहीं होने वाला है। चुनाव बाद कांग्रेस की हुई समीक्षा बैठक में कांग्रेस ने खुद मान लिया है। वहीं भाजपा ने स्पष्ट जीत का दावा कर दिया है। इतना ही नहीं घोषणा पत्र में किये वादों को कब-कब पूरा करने जा रही है। ये भी बताते दिख रही है। इससे स्पष्ट है, भाजपा नेताओं के हौसले बुलंदी पर हैं।
अब जब चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आने वाले हैं। तो ऐसे में यह भी चर्चा में है कि कांग्रेस या भाजपा से मुख्यमंत्री के चेहरे कौन-कौन हो सकते हैं। दूसरे चरण के चुनाव संपन्न होने के पहले डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने एक बार फिर असंतोष जाहिर कर दिया है। और साफ कर दिया है। इस बार पार्टी अगर सीएम नहीं बनाती है। तो अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहीं कांग्रेस से भूपेश बघेल मजबूत दावेदार बने हुये हैं। जो आसानी से मानने वालों में नहीं हैं।
वहीं भाजपा से प्रबल दावेदारों में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और ओपी चौधरी का नाम आ रहा है। इतना हीं नहीं अगर विजय बघेल पाटन से चुनाव जीतकर आते हैं। तो वे भी दावेदार हो सकते हैं।
15 साल मुख्यमंत्री रहने वाले डॉ. रमन सिंह को सबसे पहला दावेदार माना जा रहा है। इन्हें सरकार चलाने का 15 साल का अनुभव है। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने चुनाव के दौरान संगठन में बखूबी तालमेल बनाये रखा। उनके सरल स्वभाव के लोग कायल हो रहे हैं। पूर्व आईएएस ओपी चौधरी को भी लोग मुख्यमंत्री के दावेदार बता रहे हैं। लोगों का मानना है ओपी चौधरी पढ़े लिखे हैं। प्रशासनिक कामों की समझ रखने वाले हैं। सभी वर्ग को लेकर चलने वाले हैं।
जब तक विधानसभा चुनाव के नतीजे नहीं आ जाते हैं। इसी तरह आम से लेकर खास लोग अनुमान लगाते रहेंगे। हालांकि देखने वाली बात होगी। कौन सिंहासन में बैठ पाता है। और सिंहासन से बेदखल होता है।