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महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संकल्पित है छत्तीसगढ़ सरकार, भारत जोड़ो यात्री आशिका कुजुर ने दिया बयान

RAIPUR :  छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है। बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। इस संबंध में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज (Breaking News) आदेश जारी कर दिया गया है।

बता दें, छत्तीसगढ़ से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने वाली जशपुर के बगीचा ब्लॉक की सभापति आशिका कुजुर ने छत्तीसगढ़ शासन  के इस आदेश पर मीडिया से बातचीत में अपने व्यक्त किए। आशिका ने कहा : महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संकल्पित है कांग्रेस सरकार, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महिलाओं के प्रति अपराधों को लेकर काफी संवेदनशील है।

जानकारी अनुसार, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरी से प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अस्मिता बनाए रखना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

सामान्य प्रशासन द्वारा सभी विभागों, राजस्व मण्डल के अध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि शासकीय सेवा में नियुक्ति हेतु ऐसे अभ्यर्थी, जिनके विरूद्ध बालिकाओं एवं महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि से संबंधित नैतिक अधोपतन की श्रेणी में आने वाले अपराध जो कि भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 354, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ, 509, 493, 496 एवं 498 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट), 2012 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज हों, उन्हें शासकीय सेवाओं एवं पदों पर नियुक्ति हेतु प्रकरण के अंतिम निर्णय होने तक प्रतिबंधित किया जाये। राज्य सरकार द्वारा निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने कहा गया है।

जारी निर्देश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 1961 के नियम 6 के उप-नियम (4) में निम्नानुसार प्रावधान है कि कोई भी उम्मीदवार जिसे महिलाओं के विरूद्ध किसी अपराध का दोष सिद्ध ठहराया गया हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगा। परन्तु जहां तक किसी उम्मीदवार के विरूद्ध न्यायालय में ऐसे मामले लंबित हों तो उसकी नियुक्ति का मामला आपराधिक मामले का अंतिम विनिश्चय होने तक लंबित रखा जायेगा।

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