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ज्ञानवापी परिसर का सर्वे जारी,वाराणसी पहुंचे सांसद दिनेश लाल यादव

वाराणसी : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी के दूसरे दिन का सर्वे शुरू कर दिया है। टीम सुबह करीब आठ बजे ज्ञानवापी पहुंची। सर्वे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। पहले दिन के सर्वे में सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। माप-जोख भी की गई।

आजमगढ़ से सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ का बयान
आजमगढ़ से सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ भी शनिवार को वाराणसी पहुंचे। ज्ञानवापी पर सीएम योगी के बयान पर उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर आरोप लगाया है तो सच की जांच होनी चाहिए। जो ढ़ाचा पहले था वो अब नहीं है। उसे किसी ने बलपूर्वक तोड़ दिया है। उसी की जांच सर्वे की टीम कर रही है। जांच से सच सामने आएगा, उससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी ज्ञानवापी पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज से मैं भी इस सर्वे में भाग लूंगा। एएसआई की टीम सर्वे के दौरान कई बातों का पता लगाएगी। ढांचे के नीचे क्या है और उम्र का भी पता लगाएगी। क्या ये औरंगजेब के समय का है या पहले का। इन सब बातों का खुलासा होगा।

ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता भी पहुंच गए हैं। बोले- देखते हैं वहां क्या होता है। कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और हम पूरा सहयोग करेंगे।

हिंदू पक्ष से सीता साहू पहुंची ज्ञानवापी

हिंदू पक्ष की पैरोकार सीता साहू भी सर्वे को लेकर ज्ञानवापी पहुंची हैं। इससे पहले उन्होंने दावा किया है कि औरंगजेब ने 1669 में मंदिर ध्वस्त कराया और उसके ढांचे को बदल दिया। तभी से हिंदू अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

गेट नंबर चार पर आरएएफ तैनात

सर्वे के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। पूरा परिसर छावनी में तब्दील कर दिया गया है। ज्ञानवापी के गेट नंबर चार पर आरएएफ की टुकड़ी तैनात की गई है।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का ट्वीट
ज्ञानवापी में सर्वे के दूसरे दिन सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ‘एक बार जब ज्ञानवापी की एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी, तो कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी। आशा है कि न तो 23 दिसंबर और न ही 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति होगी। पूजा स्थल अधिनियम की पवित्रता के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। आशा यह है कि एक हजार बाबरियों के लिए द्वार नहीं खोले जाएंगे।’
सर्वे से पहले हिंदू पक्ष के वकील का बयान
ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू होने से पहले हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बयान दिया। उन्होंने कहा- यह सर्वे का दूसरा दिन है। हमें उम्मीद है कि लोग सर्वेक्षण में सहयोग करेंगे। हम चाहते हैं कि मामला सुलझ जाए। जल्द ही सर्वेक्षण से सबकुछ साफ हो जाएगा।

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