उप्र/बिहार

चंदौली में बढ़ा डायरिया का प्रकोप, जिला अस्पताल में रोजाना 10 से अधिक मरीज हो रहे भर्ती

उत्तर प्रदेश  : चंदौली में इन दिनों मौसम के बदलाव के कारण बच्चों और बड़ों को डायरिया अपनी जद में लेना शुरू कर दिया। डायरिया से बचने के लिए मरीजों और तीमारदारों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है। समय से अगर इलाज ना मिले, तो डायरिया से मौत भी हो सकती है। मुख्यालय स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय की बात करें, तो इन दिनों प्रतिदिन दस से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे है।

आंतों में सूजन के कारण डायरिया की शिकायत

डायरिया को हिंदी और आम बोलचाल की भाषा में दस्त कहते हैं। मुख्य रूप से यह समस्या रोटा वायरस के कारण होती है। साथ ही कुछ खास प्रकार की दवाओं के सेवन, हार्मोनल विकार या आंतों में सूजन के कारण भी डायरिया की शिकायत हो सकती है। खान-पान और साफ-सफाई पर ध्यान देकर वायरस या बैक्टीरिया से होने वाले डायरिया को आसानी से रोका जा सकता है। चिकित्सकों की मानें तो ऐसे में डायरिया के प्रति बारिश के मौसम में बचने की जरूरत है। क्योंकि इस समय पानी दूषित हो जाता है। जिले के चकिया नौगढ़ नियमताबाद, सकलडीहा व धानापुर ब्लाक के कई गांव में डायरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ा है।

डायरिया का इलाज, बरतें सावधानी

चंदौली के जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि डायरिया होने पर बार-बार पतला मल होता है। जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी की कमी के कारण शरीर में कमजोरी और दूसरी समस्याएं पैदा होती है।

सीएमओ युगल किशोर राय ने बताया कि डायरिया के प्रकोप को देखते हुए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को अलर्ट कर दिया गया। जहां भी डायरिया का प्रकोप मिले हैं। वहां टीम भेजकर इसके रोकथाम करने का प्रयास किया जा रहा है।

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