कभी जौनपुर से कांग्रेस से चुनाव हार गए थे रवि किशन, आज सीएम योगी के गोरखपुर क्षेत्र से है सांसद
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भोजपुरी : रवि किशन ने अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर हिंदी से लेकर भोजपुरी और साउथ सिनेमा तक पहचान बनाई है। रवि किशन ने अपने करियर की शुरुआत भले ही बॉलीवुड से की थी लेकिन उन्हें असली पहचान भोजपुरी सिनेमा ने दिलाई। वह अपनी पहली ही फिल्म से भोजपुरी के सुपरस्टार बन गए थे। जानिए उनके बारे में दिलचस्प बातें।
रवि किशन एक ऐसे अभिनेता हैं जो कभी हीरो बने तो कभी विलेन, कभी हीरोइनों के साथ रोमांस किया तो कभी अपने सेंस ऑफ ह्यूमर से दर्शकों को हंसने पर मजबूर किया। उन्होंने सिर्फ भोजपुरी सिनेमा में ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड, कन्नड़ और तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में भी अपने अभिनय का झंडा लहराया। रवि किशन ने सिल्वर स्क्रीन्स पर तो तहलका मचाया ही, आजकल ओटीटी स्पेस में भी छाए हुए हैं।
रवि किशन ने भले ही बॉलीवुड से अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन उन्हें असली पहचान भोजपुरी सिनेमा में मिली। वह भोजपुरी के सुपरस्टार कहे जाते हैं। आइए, आपको बताते हैं कि रवि किशन के करियर में कौन सी फिल्म मील का पत्थर साबित हुई थी।
17 जुलाई 1969 को जन्मे रवि किशन को बचपन से एक्टिंग का चस्का था। वह रामलीला में सीता का किरदार निभाया करते थे, जो उनके परिवार को बिल्कुल भी पसंद नहीं था। रवि किशन के पिता ने उन पर दबाव बनाया कि वह एक्टिंग का भूत अपने सिर से उतार दें और उनके काम में मदद कराएं। यहां तक कि घर पर उनकी पिटाई भी की जाती थी, लेकिन रवि किसी भी कीमत पर अपने सपनों का गला घोंटना नहीं चाहते थे।
रवि किशन ने छोड़ दिया था घर-परिवार
रवि किशन की फैमिली पहले मुंबई में ही रहती थी, लेकिन जॉइंट फैमिली में हुई अनबन की वजह से उनके माता जौनपुर आ गए थे। ऐसे में जब रवि किशन के पिता उनकी एक्टिंग के लिए राजी नहीं हुए, तो महज 17 साल की उम्र में मां से 500 रुपये लेकर वह अपना घर-परिवार छोड़ मुंबई भाग गए थे और उसी चॉल में रहते थे, जहां उनके माता-पिता रहा करते थे।
रवि किशन ने कब शुरू किया था करियर?
भले ही रवि किशन भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रहे, लेकिन उन्होंने अपना करियर बॉलीवुड से शुरू किया था। सालों तक धक्के खाने के बाद साल 1991 में रवि को पहली हिंदी फिल्म मिली थी, जो बी-ग्रेड मूवी ‘पितांबर’ थी। अपनी पहली ही फिल्म से रवि ने थोड़ी-बहुत पहचान बना ली थी। फिर वह कई फिल्मों में नजर आए, जिनमें ‘जख्मी दिल’, ‘आग और चिंगारी’, ‘उधार की जिंदगी’, ‘आतंक’, ‘आर्मी’, ‘कोई किसी से कम नहीं’, ‘अग्नि मोर्चा’ और ‘कुदरत’ शामिल हैं।
कैसे बने रवि किशन भोजपुरी के सुपरस्टार?
रवि किशन फिल्मों के अलावा टीवी शोज में भी काम कर रहे थे। ऐसा नहीं था कि उन्हें इंडस्ट्री में काम नहीं मिल रहा था, बस कमी थी नाम, पैसा और शोहरत की, जो उन्हें भोजपुरी फिल्म ‘सैयां हमार‘ (Saiyan Hamaar) से मिली। भोजपुरी फिल्म मेकर मोहनजी प्रसाद इस फिल्म के लिए एक नया चेहरा तलाश कर रहे थे, तभी एक शख्स ने उन्हें रवि किशन के बारे में बताया। हालांकि, फिल्म मेकर ने पहली नजर में रवि किशन को रिजेक्ट कर दिया था।
जी हां, मोहनजी प्रसाद रवि किशन को मराठी एक्टर समझ बैठे थे। बाद में जब उन्हें पता चला कि वह जौनपुर के रहने वाले हैं तो निर्माता ने तुरंत रवि को ‘सैयां हमार’ के लिए साइन कर लिया। ये रवि की पहली भोजपुरी फिल्म थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। साल 2002 में होली पर रिलीज हुई ‘सैयां हमार’ ने थिएटर्स में आग लगा दी थी। इस मूवी को उस वक्त बिहार के लगभग 66 थिएटर्स में स्क्रीन्स मिली थी। इस फिल्म ने रवि किशन को सुपरस्टार बना दिया था।
भोजपुरी फिल्म करते वक्त नर्वस थे रवि किशन
रवि किशन को जब ‘सैयां हमार’ मिली थी, तब वह थोड़े नर्वस थे। उन्हें बॉलीवुड से भोजपुरी सिनेमा में रुख करने में डर लग रहा था। एक बार खुद एक इंटरव्यू में रवि किशन ने कहा था कि फिल्म करने से पहले उन्होंने अपनी मां से बात की थी और उनकी मां ने एक्टर से कहा था कि वह ये मूवी गांव के लोगों के लिए करें। फिर क्या था, रवि ने मां की बात मानी और मूवी हां कर दी, जो खुद तो हिट हुई, रवि को भी सुपरस्टार बना गई।
आज रवि भोजपुरी से लेकर हिंदी और साउथ फिल्मों में भी अपने अभिनय का जादू चला रहे हैं। रवि को सिर्फ हीरो नहीं बल्कि विलेन के किरदार में भी पसंद किया गया है। वह ‘खाकी‘ और ‘कंट्री माफिया’ जैसी वेब सीरीज में भी अपनी एक्टिंग का हुनर दिखा चुके हैं। यही नहीं, वह राजनीति में भी एक्टिव हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। रवि किशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्व संसदीय क्षेत्र गोरखपुर से सांसद है.