जीवन परिचय

उत्तराखंड के शिक्षक से शिक्षा मंत्री तक का सफर तय कर चुके डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक

15 जुलाई : रमेश पोखरियाल निशंक को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है. 2009 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर उनका नाम अचानक ही सामने आया था. इस दौरान उन्होंने कई दिग्गजों को मात देते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. तो वहीं 2019 में मोदी कैबिनेट में शिक्षा मंत्री के तौर पर शपथ लेकर भी उन्होंने सबको अचरच में डाल दिया था. पूर्व मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल आज अपना 54 वां जन्मदिन मनाने जा रहे है.

देश की राजनीत‍ि में रमेश पोखर‍ियाल (Ramesh Pokhiriyal Nishank) क‍िसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेताओं में शुमार रमेश पोखरियाल निशंक ने संघर्षो के बाद राजनी‍त‍िक मुकाम हास‍िल क‍िया है. राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (RSS) के स्‍वयं सेवक रहे है रमेश पोखर‍ियाल न‍िशंंक ने एक स्‍कूल श‍ि‍क्षक से देश के श‍िक्षा मंत्री तक का सफर तय क‍िया है. कभी सरस्‍वती श‍िशु मंद‍िर के स्‍कूल में श‍िक्षक रहे रमेश पोखर‍ियाल न‍िशंक उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री भी रह चुके हैं. देश के कुशल राजनीत‍िज्ञों में शुमार रमेश पोखर‍ियाल न‍िशंक की पहचान राजनीत‍ि से इतर भी है. वह देश-व‍िदेश में एक लेखक और कव‍ि के तौर पर भी लोकप्र‍िय हैं.

1991 में पहली बार बने व‍िधायक

रमेश पोखरियाल निशंक का जन्म 15 जुलाई 1959 को पौड़ी गढ़वाल के पिनानी गांव में हुआ था. इनके पिता का नाम परमानंद पोखरियाल और माता का नाम विश्वंभरी देवी था. रमेश पोखरियाल ने हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी. उनकी शादी 1985 में कुसुम कांत पोखरियाल के साथ हुई थी. रमेश पोखर‍ियाल न‍िशंक ने जवानी के द‍िनों में सरस्‍वती श‍िशु मंद‍िर में अध्‍यापन का काम क‍िया. इसके बाद RSS के न‍िर्देश पर उन्‍हाेंने 1991 का व‍िधानसभा चुनाव कर्णप्रयाग व‍िधानसभा सीट से लड़ा. ज‍िसमें उन्‍होंने जीत दर्ज की और पहली बार व‍िधानसभा पहुंचे. इसके बाद उन्‍होंने बीजेपी के ट‍िकट पर ही कर्णप्रयाग सीट से 1993 और 1996 के चुनाव में जीत दर्ज की.

यूपी सरकार में उत्‍तरांचल व‍िकास मंत्री बने

कर्णप्रयाग सीट से 1996 के चुनाव में तीसरी बार जीत दर्ज करने के बाद रमेश पोखर‍ियाल न‍िशंक का कद उत्‍तर प्रदेश की राजनीत‍ि में ऊंचा हो गया. इसके बाद जब 1997 में बीजेपी ने यूपी में सरकार बनाई तो रमेश पोखरियाल को उत्तर प्रदेश सरकार में उत्तरांचल विकास मंत्री बनाया गया . इसके बाद 1999 में वह रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बने.

मेश पोखर‍िया न‍िशंक को 2009 में म‍िली थी मुख्‍यमंत्री की ज‍िम्‍मेदारी

उत्‍तर प्रदेश से व‍िभाज‍ित कर सन् 2000 में उत्‍तराखंड का गठन क‍िया गया. ज‍िसके बाद उत्‍तराखंड की अंतर‍िम सरकार गठि‍त की गई. इस सरकार में रमेश पोखर‍ियाल न‍िशंक को वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों का मंत्री बनाया गया. 2007 में वह चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा तथा विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री बने. वहीं वर्ष 2009 में रमेश पोखरियाल उत्तराखण्ड के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने. उन्‍हें भुवन चंंद्र खंंडूरी की जगह मुख्‍यमंत्री बनाया गया. 2012 में वह देहरादून के डोईवाला विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए, लेक‍िन 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर वह हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए. इसके बाद 2019 में वह हरिद्वार संसदीय सीट से दूसरी बार सांसद नि‍र्वाच‍ित हुए. इस दौरान मोदी कैब‍िनेट में उन्‍हें श‍िक्षा मंत्री की ज‍िम्‍मेदारी दी गई. श‍िक्षा मंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल ढाई साल से अध‍िक का रहा. 2021 में हुए कैब‍िनेट फेरबदल से पहले उन्‍होंने श‍िक्षा मंत्री पद से इस्‍तीफा दे द‍िया था.

अब तक 44 से अध‍िक पुस्‍तकों का लेखन कर चुके हैं न‍िशंंक

रमेश पोखरियाल निशंक राजनेता होने के साथ-साथ एक कवि और लेखक भी हैं. वह अभी तक 44 से अध‍िक ह‍िंंदी पुस्‍तकें ल‍िख चुके हैं. ज‍िसमें 10 कविता संग्रह, 12 कहानी संग्रह, 10 उपन्यास शाम‍िल हैं. उनकी कई क‍िताबों का अंग्रेजी अनुवाद अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर हो चुका है. तो वहीं उन्हें कई सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है. निशंक बचपन से ही कविता और कहानियां लिखते रहे. उनका पहला कविता संग्रह वर्ष 1983 में ‘समर्पण’ प्रकाशित हुआ था.

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