यमुना का जलस्तर बढ़ने से नोएडा में खेत और घर डूबे, बाढ़ जैसे हालात
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नोएडा: पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश का पानी नदियों में बहकर नीचे आने से नोएडा में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नोएडा के सेक्टर-124, 125, और 135 के खादर क्षेत्र में यमुना नदी का पानी घरों और खेतों को डुबो चुका है। यही हालात सेक्टर-137 की है जहां सड़कों पर लगभग डेढ़ फुट पानी भरा हुआ है। बाढ़ की वजह से आम जनता परेशान है। प्रशासन पानी में फंसे लोगों को बाहर निकाल रहा है और उन्हें खाना और पानी पहुंचा रहा है।
यमुना का जलस्तर बढ़ने से न केवल राजधानी दिल्ली के क्षेत्रवासी परेशान है, बल्कि यमुना के उफान से नोएडा वासी भी परेशान है। नोएडा के कई क्षेत्र हलकान हैं। नोएडा के 8 सेक्टरों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। नोएडा के इन सेक्टरों 150, 167, 168, 151, 124, 125, 135 और 137 में बाढ़ का पानी पहुंच गया है।
हालांकि, इनमें से कुछ सेक्टरों में यमुना का पानी सड़कों पर करीब डेढ़ फुट तक भरा हुआ है। पानी यमुना का है या नाले व सीवर से होकर यमुना का पानी सड़क तक पहुंच गया है। इसके अलावा यमुना किनारे दर्जनों बसे गांव भी यमुना की पानी में डूब गए हैं।
नोएडा के कई सोसाइटीज में भी बाढ़ का पानी निवासियों की परेशानियां बढ़ा चुका है। बाढ़ का संकट नोएडा में यमुना के किनारे बसे गांवों के लिए बना हुआ है। गुरुवार की पूरी रात और अब तक जनपद गौतमबुद्ध नगर के जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, फायर विभाग, प्राधिकरण और कमिश्नरेट पुलिस की टीमें यमुना के किनारे बसे लोगों और जानवरों को रेस्क्यू करने में लगी हैं।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट प्रवक्ता की ओर से दी जानकारी के मुताबिक अब तक 2000 से अधिक गौवंश तथा करीब 700 महिलाओं, पुरुषों व बच्चों को बाढ़ प्रभावित एरिया से रेस्क्यू किया जा चुका है तथा वर्तमान में भी रेस्क्यू अभियान जारी है।
वहीं, बाढ़ प्रभावित एरिया से निकाले जा रहे लोगों के लिए 4 जगहों पर शरणालय बनाए गए हैं। जहां पर इन लोगों को रखे जाने के अलावा उन्हें खाने का वितरण करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीमें उनका परीक्षण कर दवायें भी उपलब्ध करा रही हैं।
टीमों द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सेक्टर-135 स्थित फार्म हाउस, गौशाला तथा आसपास के बाढ़ प्रभावित एरिया में फंसे हुये व्यक्तियों व मवेशियों की सहायता करने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में आसपास के क्षेत्र का ड्रोन से निरीक्षण किया जा रहा है, ताकि बाढ़ में फंसे हुए व्यक्तियों एवं मवेशियों को देखकर रेस्क्यू किया जा सके।