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धान खरीदी को कांग्रेस-बीजेपी बना रही राजनैतिक मुद्दा, प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने साधा निशाना

रायपुर : छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद धान खरीदी को लेकर सियासत शुरु हो गई है। इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आज,  को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस की भूपेश सरकार और बीजेपी पर पलटवार किया है। कोमल हुपेंडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के दौरे पर आए तो जनता को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन उनके चुनावी मौसम में आने से माहौल खराब हो गया है। अब पीएम के धान खरीदी वाले बयान को लेकर कांग्रेस बैठ गई है और दोनों पार्टियां सिर्फ एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का काम कर रही हैं। जनता को गुमराह करने का काम किया जा रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि पूरे देश-दुनिया में छत्तीसगढ़ को ‘धान का कटोरा’ के नाम से जाना जाता है। बीजेपी की सरकार की बात करें या फिर छत्तीसगढ़िया की बात करने वाली कांग्रेस की सरकार की बात करें तो दोनों सरकारों ने छत्तीसगढ़ के किसानों का हक मारा है। अधिकारों को छीना है, शोषण किया है, उन्हें लूटा है और यही वजह है कि आज लगभग 23 साल बाद भी छत्तीसगढ़ के किसान परेशान और त्रस्त हैं। इसका जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस और बीजेपी की सरकार है। रमन सिंह ने किसानों को बोनस देने का वादा किया था, लेकिन अंतिम दो सालों का बोनस नहीं दिया। वहीं मौका देखते हुए कांग्रेस ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि हमारी सरकार बनने पर बोनस दिया जाएगा। लेकिन साढ़ चार बाद भी खुद को छत्तीसगढ़िया बताने वाली भूपेश सरकार ने किसानों को बोनस नहीं दिया।

हुपेंडी ने कहा कि कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में किसानों से वादा किया था कि सिंचाई का रकबा बढ़ाएंगे। आम आदमी पार्टी पूछती है कि प्रदेश के किस कोने में सिंचाई का रकबा बढ़ा गया है। आज आलम यह है कि किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। किसानों की हितैषी बताने वाली सरकार को पता होना चाहिए कि नवा रायपुर में अपनी मांगों को लेकर लंबे समय तक किसानों ने आंदोलन किया। किसानों का दमन किया गया। एक किसान की मौत हो गई, बावजूद इसके सरकार के तरफ कोई बयान नहीं आया। उन्होंने कहा कि आज किसान परेशान है। फर्टिलाइजर का दाम बढ़ गया। प्रदेश में आज नकली खाद बेचा जा रहा है। आखिरकार किसके संरक्षण में पूरे प्रदेश में नकली खाद बेची जा रही है। वर्मी कंपोस्ट में रेत और मिट्टी मिलाई जा रही है। किसानों के ऊपर दबाव बनाकर जबरन दिया जा रहा है।

कोमल हुपेंडी ने कहा कि प्रदेश के किसानों के साथ दोनों पार्टियों ने बारी-बारी से धोखा किया। धान खरीदी को राजनैतिक मुद्दा बना दिया गया है। कांग्रेस ने 2018 में छल-कपट और झूठ बोलकर सरकार बनाई। अब फिर विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही अब बीजेपी-कांग्रेस को किसान और धान की याद आ रही है। चुनावी साल होने के नाते दोनों राजनीतिक दल किसानों को लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार के गायब राशन की वसूली के लिए सख्ती के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। 23 लाख रुपए वसूलने के बाद भी 12 हजार क्विंटल चावल की वसूली नहीं हो पाई। सरकार सिर्फ राशन की वसूली के लिए सख्ती के दावे कर रही है लेकिन यह दावे हकीकत में खोखले हैं।

कोमल हुपेंडी ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा, रायपुर जिले के 142 राशन दुकानों से गायब हुए 18000 क्विंटल चावल में से सिर्फ 64 क्विंटल चावल ही वसूल सके हैं। इतना ही नहीं 269 क्विंटल शक्कर में से सिर्फ 105 कुंटल की वसूली हुई है। वहीं 303 क्विंटल नमक में से सिर्फ 94 क्विंटल की वसूली हुई है। उन्होंने कहा, करीब 86 क्विंटल का कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला। इस पर राशन दुकान संचालकों को राजस्व विभाग की तरफ से आरआरसी जारी की गई है। आरआरसी जारी तो गई की गई, लेकिन उसके बाद कोई सख्ती नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अब तक गड़बड़ी करने वालों पर आखिरकार कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

कोमल हुपेंडी ने कहा, किसानों के लिए दोनों पार्टियों ने कुछ किया तो नहीं, लेकिन वाहवाही लूटने और खुद को किसान हितैषी बताने के लिए गंदी राजनीति कर रहे हैं। यदि भूपेश सरकार ने वास्तव में किसानों के लिए काम किया है तो चुनाव आते ही घबराने की जरुरत क्या है? आखिर इतनी झटपाहट दोनों दलों को क्यों हो रहा है। उन्होंने किसानों को चेताते हुए कहा कि कांग्रेस-बीजेपी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं, इनके झांसे में न आए। पिछले 15 साल बीजेपी की रमन सरकार ने किसानों को ठगने का काम किया और अब 5 साल से कांग्रेस की सरकार किसानों को ठग रही है।

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