चंदौली जिले के फिजिक्स के प्रोफेसर से रक्षा मंत्री कैसे बन गये राजनाथ सिंह
Rajnath Singh Birthday: 10 जुलाई को केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जन्मदिन है। राजनाथ सिंह एक जाने-माने भारतीय राजनेता और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। वे भारत के रक्षा मंत्री हैं और इससे पहले गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का प्रभार भी संभाल चुके हैं। राजनाथ सिंह दो बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं। एक राजनेता और मंत्री के तौर पर राजनाथ सिंह का सफर शानदार रहा है। आइये उनके जन्मदिन के मौके पर उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और राजनीतिक सफर के बारे में विस्तार से जानें।
राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई, 1951 को उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के चकिया तहसील में बभोरा गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम राम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी है। वे 13 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे। इन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद इन्होंने के.बी.स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मिर्जापुर में भौतिक शास्त्र के व्याख्याता के रूप में कार्य किया। लेकिन जल्द ही राजनीति में उतर गये। राजनाथ सिंह की शादी 1971 में सावित्री सिंह से हुई और उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। उनके बेटे पंकज सिंह नोएडा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं।
राजनीति में राजनाथ –
राजनाथ सिंह ने वर्ष 1974 में उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और 1975 में मिर्जापुर से यूपी के भारतीय जनसंघ के जिला अध्यक्ष बन गये। 1977 में यूपी विधानसभा में विधायक चुने गये। 1991 में जब यूपी में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी तो उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया। बतौर शिक्षा मंत्री उन्होंने कई अहम कार्य किये। जैसे- माध्यमिक परीक्षाओं में नकल विरोधी अधिनियम को लागू करना, वैदिक गणित की पढ़ाई शुरु करना और इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में संशोधन करना। साल 1994 में वे राज्यसभा सांसद के रूप में चुने गए, जिसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। अक्टूबर 2000 में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2001 में हैदरगढ़ विधानसभा से उप-चुनाव जीतकर विधायक बने और 2002 में फिर से हैदरगढ़ से विधायक चुने गये।
इस बीच उन्हें केन्द्रीय राजनीति में भी तरजीह दी गई। वर्ष 1994 में वे राज्यसभा के सदस्य बने। 22 नवंबर 1999 को उन्हें केन्द्रीय मंत्री बनाया गया और भूतल एवं जल परिवहन विभाग का जिम्मा मिला। इस दौरान वे अटल बिहारी वाजपेयी के ड्रीम प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम (NHDP) को शुरु करने का अवसर मिला। 2002 में तीसरी बार राज्य सभा से सदस्य बने और 24 मई 2002 को कृषि मंत्री बनाये गये। जनवरी 2004 में उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला। इस दौरान उन्होंने किसान कॉल सेंटर और कृषि आय बीमा योजना प्रारंभ की।
राजनाथ सिंह वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद से सांसद चुने गये। इस दौरान राजनाथ सिंह दो बार (2005 से 2009 और 2013 से 2014 तक) भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 26 मई 2014 को केन्द्रीय गृह मंत्री के रुप में शपथ ली। बाद में साल 2019 को उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया। तब से अब तक वो इसी पद पर हैं।