वो सियासी शख्सियत जिन्हे नजरअंदाज नहीं कर सकते
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19 जून: राहुल गांधी की देश के अंदर और देश के बाहर विदेशों में युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता हैं और वह खुद को कट्टरवाद के खिलाफ संघर्ष करने वालों की अगुवाई करने वाले ऐसे नेता की छवि बनाये हुए हैं, जो काफी सहिष्णु है. राहुल गांधी आज अपना 53 वां जन्मदिन मनाने जा रहे है.
राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को दिल्ली में हुआ। वे देश के मशहूर गांधी-नेहरू परिवार से हैं। उनकी मां श्रीमती सोनिया गांधी हैं, जो अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। उनके पिता स्वर्गीय राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे। राहुल गांधी कांग्रेस में उपाध्यक्ष हैं और लोकसभा में उत्तर प्रदेश में स्थित अमेठी चुनाव क्षेत्र की नुमाइंदगी करते हैं। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत का श्रेय राहुल गांधी को दिया गया था। वे सरकार में कोई किरदार निभाने की बजाए पार्टी संगठन में काम करना पसंद करते हैं, इसलिए उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री का ओहदा लेने से साफ इंकार कर दिया था।
राहुल गांधी की शुरुआती तालीम दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में हुई। उन्होंने प्रसिद्ध दून विद्यालय में भी कुछ समय तक पढ़ाई की, जहां उनके पिता ने भी पढ़ाई की थी। इसके बाद सुरक्षा कारणों की वजह से कुछ अरसे तक उन्हें घर पर ही पढ़ाई-लिखाई करनी पड़ी। साल 1989 में उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में दाखिला लिया। उनका यह दाखिला पिस्टल शूटिंग में उनके हुनर की बदौलत स्पोर्ट्स कोटे से हुआ। उन्होंने इतिहास ऑनर्स में नाम लिखवाया। वे सुरक्षाकर्मियों के साथ कॉलेज आते थे। तकरीबन सवा साल बाद 1990 में उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से साल 1994 में अपनी कला स्नातक की उपाधि हासिल की। इसके बाद उन्होंने साल 1995 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से डेवलपमेंट स्टडीज में एम.फ़िल. की उपाधि हासिल की।
राहुल गांधी को घूमने-फिरने और खेलकूद का बचपन से ही शौक रहा है। उन्होंने तैराकी, साईलिंग और स्कूबा-डायविंग की और स्वैश खेला. उन्होंने बॉक्सिंग सीखी और पैराग्लाइडिंग का भी प्रशिक्षण लिया। उनके बहुत से शौक उनके पिता राजीव गांधी जैसे ही हैं।
राहुल गांधी के सियासी जीवन की शुरुआत भी अचानक ही हुई। वे साल 2003 में कांग्रेस की बैठकों और सार्वजनिक समारोहों में नजर आए। एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला देखने के लिए एक सद्भावना यात्रा पर वह अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ पाकिस्तान भी गए। इसके बाद जनवरी 2004 में उन्होंने अपने पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र अमेठी का दौरा किया, तो उनके सियासत में आने की चर्चा शुरू हो गई।
मार्च 2004 में लोकसभा चुनाव का ऐलान हुआ, तो राहुल गांधी ने सियासत में आने का ऐलान कर दिया। उन्होंने अपने पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा। इससे पहले उनके चाचा संजय गांधी ने भी इसी क्षेत्र का नेतृत्व किया था। उस समय उनकी मां सोनिया गांधी यहां से सांसद थीं। उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को एक लाख वोटों से हराकर शानदार जीत हासिल की। इस दौरान उन्होंने सरकार या पार्टी में कोई ओहदा नहीं लिया और अपना सारा ध्यान मुख्य निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों और उत्तर प्रदेश की राजनीति पर केंद्रित किया।