टीम की कप्तानी नहीं करेंगे रोहित? सामने आई ये बड़ी खबर
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SPORTSNEWS: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में हार मिलते ही टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा पर लगातार निशाने साधे जा रहे हैं. हालांकि, रोहित शर्मा की टेस्ट कप्तानी को तुरंत कोई खतरा नहीं है लेकिन उनको अगर पारंपरिक फॉर्मेट में अपनी कप्तानी पर सवालिया निशान लगने से रोकना है तो वेस्टइंडीज में शानदार प्रदर्शन करना होगा. ऐसे में अगर रोहित शर्मा को वेस्टइंडीज दौरे पर भेजा जाता है तो ये टेस्ट सीरीज उनके करियर के लिए काफी अहम रहने वाली है.
रोहित वेस्टइंडीज में दो टेस्ट की सीरीज में भारतीय टीम की अगुआई करेंगे और इसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ बैठकर टेस्ट फॉर्मेट में अपने भविष्य पर चर्चा करेंगे. भारतीय टीम में इस मामले की जानकारी रखने वालों की माने तो रोहित अगर 12 जुलाई से डोमीनिका में वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली दो टेस्ट की सीरीज में कप्तानी से खुद हटने का फैसला नहीं करते हैं तो वह टीम की अगुआई करेंगे. रोहित हालांकि डोमीनिका या पोर्ट ऑफ स्पेन में होने वाले दूसरे टेस्ट (20 से 24 जुलाई) में अगर कोई बड़ी पारी नहीं खेलते हैं तो बीसीसीआई के आला अधिकारियों और राष्ट्रीय चयन समिति पर कड़ा फैसला करने का दबाव होगा.
बीसीसीआई एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘ये निराधार बातें हैं कि रोहित को कप्तानी से हटा दिया जाएगा. हां, क्या वह पूरे दो साल के डब्ल्यूटीसी (वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप) चक्र में बरकरार रहेंगे, यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि 2025 में तीसरा चक्र समाप्त होने पर वह लगभग 38 वर्ष का होंगे. फिलहाल मेरा मानना है कि शिव सुंदर दास और उनके सहयोगियों को दो टेस्ट के बाद और उनकी बल्लेबाजी फॉर्म को देखते हुए फैसला करना होगा.’
इस साल टीम इंडिया के काफी कम टेस्ट मैच-
असल में बीसीसीआई अन्य खेल बोर्ड से बहुत अलग तरीके से काम करता है. भारतीय बोर्ड में शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि जब आलोचना चरम पर पहुंच जाती है तो आप फैसले नहीं लेते. सूत्र ने कहा, ‘वेस्टइंडीज दौरे के बाद दिसंबर के अंत तक कोई टेस्ट नहीं है जब टीम साउथ अफ्रीका की दौरा करेगी. इसलिए चयनकर्ताओं के पास विचार-विमर्श करने और निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय है. तब तक पांचवां चयनकर्ता (नया अध्यक्ष) भी समिति में शामिल हो जाएगा और तब फैसला किया जा सकता है.’
रोहित के 2022 में टेस्ट कप्तानी संभालने के बाद से भारत ने 10 टेस्ट खेले जिसमें से तीन में वह नहीं खेले. उन्होंने इस दौरान सात टेस्ट में 390 रन बनाए और उनका औसत रहा. उन्होंने इस दौरान एक शतक जड़ा लेकिन इसके अलावा कोई अन्य स्कोर 50 रन से ऊपर नहीं था. इसी दौरान विराट कोहली ने सभी 10 टेस्ट खेले. उन्होंने 17 पारियों में 517 रन बनाए और अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 186 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा. चेतेश्वर पुजारा ने इस दौरान आठ टेस्ट की 14 पारियों में 482 रन बनाए जिसमें दो नाबाद पारियां भी शामिल रहीं. उनका औसत 40.12 रहा लेकिन उन्होंने 90 और 102 रन की दो पारियां बांग्लादेश की कमजोर टीम के खिलाफ खेली.