उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री के संग एक मंच पर आने से किया इनकार
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महाराष्ट्र: जब दो सत्तासीन गठबंधन दल आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत कर रहे हों, तब राज्य के सभी अखबारों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सर्वेक्षणों में नंबर वन पसंदीदा मुख्यमंत्री बताकर विज्ञापन छपवाया गया। विज्ञापन में बताया गया है कि सर्वे में एकनाथ शिंदे उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से आगे हैं। इस विज्ञापन ने दोनों दलों के बीच की अंदरूनी गांठ खोल कर रख दी है। सीटों बंटवारे को लेकर तनाव और विज्ञापन को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच, देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार शाम कोल्हापुर का दौरा रद्द कर दिया, जिसमें उन्हें सीएम एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा करना था।
दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मंगलवार को एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए एक विज्ञापन प्रकाशित कराया था, जिसमें शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता देवेंद्र फडणवीस की तुलना में अधिक लोगों की पसंद दर्शाया गया है। विभिन्न समाचार पत्रों में पूरे पन्ने का विज्ञापन जारी किया गया था, जिसका शीर्षक था, “राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे सरकार।”
जब मामले ने तूल पकड़ा और सहयोगी बीजेपी ने आंखें तरेरीं तो मुख्यमंत्री शिंदे ने यह कहते हुए इसे अधिक तवज्जो नहीं देने की कोशिश की कि वह और भाजपा नेता फडणवीस दोनों “लोगों के मन में हैं” और मिलकर काम कर रहे हैं। अखबारों में छपे पूरे पृष्ठ के विज्ञापन में शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की भी तस्वीर नहीं थी, जिसके बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी को ‘मोदी-शाह की शिवसेना’ करार दिया।
विज्ञापन पर विवाद दो बड़ी वजहों से हुआ। पहली की इसमें शिंदे को फडणवीस से आगे दिखाया गया था और दूसरी कि इसमें शिवसेना का धनुष-बाण चिह्न और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शिंदे की तस्वीर थी, लेकिन फडणवीस की तस्वीर नहीं थी । शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की प्रचार सामग्री में बाल ठाकरे की तस्वीर का न होना उसके पहले के रुख से एक बदलाव दिखाता है। पिछले साल जून में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करके शिवसेना को तोड़ने वाले शिंदे ने हमेशा कहा है कि उनका गुट बाल ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
विज्ञापन में कहा गया है, “मुख्यमंत्री पद के लिए हुए एक सर्वे के अनुसार महाराष्ट्र के 26.1 प्रतिशत लोग एकनाथ शिंदे को और 23.2 प्रतिशत लोग देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं।” इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र के 49.3 प्रतिशत लोग भाजपा और शिवसेना गठबंधन को पसंद करते हैं। विज्ञापन में प्रस्तुत आंकड़े और दावे ‘जी टीवी-मेट्राइज’ सर्वेक्षण के हवाले से दिये गये हैं। अगले साल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होने हैं।
बता दें कि 2014 से 2019 के बीच देवेंद्र फडणवीस की सरकार में एकनाथ शिंदे बतौर मंत्री कार्य कर रहे थे लेकिन सियासी परिस्थितियां बदलीं तो दोनों की संवैधानिक स्थितियां भी बदल गईं। अब एकनाथ शिंदे के मातहत फडणवीस काम कर रहे हैं। ऐसे में सर्वे में शिंदे को फडणवीस से आगे दिखाना और उसे फुल पेज ऐड के साथ राज्यभर के अखबारों में छपवाना, फडणवीस पर शिंदे का खुला वार समझा जा रहा है।
जब विज्ञापन विवाद से गठबंधन में तलवारें खिंचने लगीं तो शाम होते-होते शिंदे सेना ने विज्ञापन से दूरी बना ली। पार्टी नेता और मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा, ‘विज्ञापन से शिवसेना का कोई लेना-देना नहीं है। यह हमारी पार्टी और सीएम शिंदे और फडणवीस के शुभचिंतक द्वारा जारी किया गया हो सकता है। बता दें कि पिछले साल जून में ही एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से विधायकों को तोड़कर बीजेपी के साथ नई सरकार बनाई थी।