जीवन परिचय

ACTIVA वाला विधायक, स्कूटी की डिक्की में हमेशा लेकर घूमते हैं सील स्टांप

रायपुर : एक ऐसा विधायक जिसको एक्टिवा वाला विधायक कहा जाता है, जिनका कोई कार्यालय नहीं है ना उनके साथ कोई काफिला चलता है. सुबह से ही सड़कों पर, चौक-चौराहे पर दफ्तर लगाते फिरते हैं. कुर्सी की जगह एक्टिवा की सीट पर ही बैठकर कर आम जनता से मुलाकात करते हैं. अपनी स्कूटी की डिक्की में सील स्टांप हमेशा लेकर घूमते हैं. जरूरी फाइल पर दस्तक ऑन द स्पॉट करते हैं. आज के समय में ये विधायक छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष हैं. लेकिन आज भी स्कूटर की सवारी नहीं छोड़ते.आज विधायक कुलदीप जुनेजा अपना 65 वां जन्मदिन माना रहे है,  चलिए जानते हैं इस एक्टिवा वाले विधायक की पूरी कहानी.

रायपुर के एक्टिवा वाले विधायक की कहानी

दरअसल रायपुर उत्तर के विधायक कुलदीप सिंह जुनेजा की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं. MLA आज के समय में भी अपने इस खास अंदाज के लिए राज्य ही नहीं बल्कि देश में जाने पहचाने जाते हैं. बिन चार दिवारी के दफ्तर में बड़े बड़े राजनेता उनसे मिलने आते हैं. बॉलीवुड के मशहूर एक्टर राज बब्बर, किसान नेता राकेश टिकेट, कवि साहित्यकार कुमार विश्वास जैसे दिग्गज लोग एक्टिवा वाले विधायक के इस अंदाज के फैन हैं.

लोगों की शिकायत करते हैं दूर 

पार्षद से विधायक बने कुलदीप जुनेजा अपने इस अंदाज को लेकर कहते हैं कि पार्षद का क्षेत्र के हर नागरिक के साथ सीधा संबंध रहता है. विधायक बनने के बाद मैंने खुद को चेंज नहीं किया. लोग बोलते थे कि विधायक बनने के बाद स्कूटी में नहीं घूमेंगे. रोड पर नहीं बैठेंगे. लेकिन मैं आज भी स्कूटर में घूमता हूं और रोड में बैठता हूं. जनता को नेताओं से तकलीफ रहती है कि बड़े पद में आने के बाद नेता दिखते नहीं हैं. हम लोग भी यही ज्यादा सुनते थे इसलिए जनता की इस भावना को दूर करने के लिए वैसी ही रहूंगा जैसे पहले रहता था.

कुलदीप जुनेजा ने अपने इस अंदाज के पीछे कहानी बताई है कि उनके बड़े भैया बलबीर सिंह जुनेजा रायपुर के मेयर रह चुके हैं. उनमें राजनीति कम थी सेवा भावना ज्यादा थी. हमेशा जनता की सेवा में लगे रहते थे. रायपुर में जितनी कुष्ठ रोगी बस्ती हैं उन्होंने ही बसाई है. घर परिवार के सदस्य के समान सेवा करते थे. आज मेरा भी उन बस्तियों में वैसी ही संबंध है जैसे उन्होंने छोड़ के गए हैं. उनको देखते-देखते मैंने भी राजनीति में एंट्री ली. पहली बार पार्षद बना नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष बना और उसके बाद विधायक बना हूं.

आज तक नहीं बनाया अपना दफ्तर ? 

कुलदीप सिंह जुनेजा बताते हैं कि दफ्तर इस लिए नही बनाया क्योंकि जनता को मिलने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए. कोई भी व्यक्ति सीधा मुझसे बात कर सकता है. रास्ते में कोई मुझे आवाज देते हैं तो मैं उसके समाधान के लिए 2 लाइन लिखकर दे देता हूं. इसलिए जनता का और प्यार मिल रहा है. सड़क के ट्रैफिक सिग्नल के सामने शेड बनाया गया है. पानी बरसात से लोगों को समस्या आती थी इसलिए मैंने ये बनवाया है. लोग गर्मी और बारिश में इधर उधर भागने लगते हैं.

कुलदीप जुनेजा पहले बार पार्षद चुनाव हार गए थे. इसके बाद 2000 में पहली बार नगर निगम रायपुर के पार्षद बने इसके बाद 2004 में फिर से पार्षद बने और नगर निगम का नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी मिली. 2008 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े और चुनाव जीतकर नगर निगम से विधानसभा पहुंचे. इसके बाद 2013 में हार का सामना करना पड़ा लेकिन 2018 में दूसरी बाद जुनेजा विधायक बने और सरकार ने उन्हें हाउसिंग बोर्ड की भी जिम्मेदारी सौंप दी.

बता दें कि कुलदीप जुनेजा एक बड़े ज्वाइंट फैमली में रहते हैं. उनके परिवार में 35 लोग एक साथ रहते हैं. एक बाउंड्री के अंदर सभी परिवार रहते हैं. कुलदीप जुनेजा घर के पास ही देवेंद्र के नमस्ते चौके में सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक एक्टिवा में घूमते और रोड में लोगों की फरियाद सुनते नजर आते हैं. उन्होंने देवेंद्र नगर में मुफ्त में सहायता केंद्र बनाया है. इसकी चर्चा देशभर में होती है. क्योंकि केवल बीपीएल राशन कार्ड से ही लोगों को फ्री में दवाई मिलती है.

सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का परिचय:-

1999- पार्षद नगर निगम रहे। नेता प्रतिपक्ष नगर निगम रायपुर भी रहे।

2008 में पहली बार विधायक बने फिर 2018 में दूसरी बार विधायक बने।

2009-10 में सदस्य आचरण समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा बने।

2010-11 में सदस्य पुस्तकालय समिति, आचरण समिति, छतीसगढ़ विधानसभा बने।

2011 से 13 सदस्य प्राक्कलन समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा बने । जुनेजा टेबल टेनिस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे।

2013 से 14 मे सदस्य शासकीय आश्वसनो संबंधी समिति, विशेषाधिकार समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे।

2019 से 2021 तक सभापति शासकीय आश्वासनों संबंधी समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे । वे सदस्य याचिका समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति, सामान्य प्रयोजन समिति छतीसगढ़ विधानसभा रहे।

2020 में उन्हें अध्यक्ष गृह निर्माण मंडल रहे।

विधानसभा सीट पर 2 बार दर्ज की जीत- 

रायपुर उत्तर विधानसभा अनारक्षित सीट है। जिसे निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 50 के नाम से जाना जाता है। यहां मतदाताओं की संख्या 182507 है। जिसमे से 110015 (60.28%) वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप सिंह जुनेजा को 59843 (54.40%) वोट मिले। जबकि भाजपा के श्रीचंद सुंदरानी को 43502 (39.54% वोट मिले।

विधानसभा क्षेत्र के परिसीमन के बाद हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के सिख समाज के नेता कुलदीप जुनेजा ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने पिछले तीनों चुनाव में जुनेजा को उम्मीदवार बनाया, जिसमें से वह दो बार जीते। जबकि भाजपा ने सिंधी समाज के नेता श्रीचंद सुंदरानी को मैदान में उतारा तो उन्होंने 2013 में जीत दर्ज की थी। वर्तमान विधायक कुलदीप जुनेजा की पार्टी सरकार में है, इसलिए जनता को उनसे ज्यादा उम्मीद भी है।

 

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