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भारत सरकार के एजेंडे में नहीं है सेफ्टी और सिक्योरिटी – डॉ. संदीप पाठक, आम आदमी पार्टी

रायपुर, ओडिशा बालासोर में ट्रेन हादसे पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, राज्यसभा सांसद एवं रेलवे स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य डॉ संदीप पाठक ने दुख जताया है। साथ ही, डॉ पाठक ने रेल मंत्रालय के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, भारत सरकार के एजेंडे में सेफ्टी और सिक्योरिटी कहीं है ही नहीं। मैं रेलवे कमेटी का मेंबर हूं, कमेटी की पिछली मीटिंग में मैंने यह मुद्दा उठाया था कि सरकार सबसे पहले सुरक्षा और सेफ्टी पर ध्यान दे, लेकिन सरकार का पूरा ध्यान दिखावे और पीआर पर लगा हुआ है। सेफ्टी और सिक्योरिटी पर नहीं लगा हुआ है।

डॉ. पाठक ने कहा कि मैं तीन-चार पैरामीटर सबके सामने रखना चाहता हूं, जो सेफ्टी और सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। सबसे जरूरी चीज होता है एंटी कॉलेजन डिवाइस, जो दो ट्रेनों को कॉलेजन से रोकने के लिए होता है। हमारे देश में लगभग 65 हजार किलोमीटर का रेल नेटवर्क है, उसमें सरकार ने सिर्फ 1400 किलोमीटर को इस डिवाइस से जोड़ा गया है। जो कि 2 फ़ीसदी से भी कम है। 9 साल में मोदी जी की सरकार ने सिर्फ 2 परसेंट ही कवर किया है, तो इसका मतलब इसको पूरा करने में 400 से भी ज्यादा साल लग जाएंगे।

डॉ. पाठक ने कहा, अगर ट्रेन के हिसाब से देखें तो हमारे देश में 23 हजार के आसपास ट्रेनें हैं। जानकारी के मुताबिक सिर्फ 65 ट्रेनों में ही एंटी कोलेजन डिवाइस लगाया गया है, जोकि 0.2 फीसदी से भी कम है। यह स्पष्ट करता है कि सरकार की प्राथमिकता सेफ्टी पर नहीं है। उन्होंने कहा, एक और डिवाइस होती है, एंटी इररमेंट डिडेक्टर डिवाइस। 2014 में सरकार ने यह कहा था कि 2014 से ही एंटी डीरेलमेंट डिवाइस सभी नेटवर्क पर लगाएंगे। लेकिन इसका अभी तक कोई ब्यौरा नहीं है कि कितनी जगह पर लगाया गया और और इस पर कितना काम हुआ है।

आप के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री ने कहा कि डिरेलमेंट को रोकने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि रेलवे ट्रैक को अपग्रेड किया जाए। लेकिन 65 हजार किलोमीटर ट्रैक में सिर्फ 37 हजार किलोमीटर ट्रैक को अपग्रेड किया है, जो कि सिर्फ 50 फ़ीसदी है। उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, आपका ट्रैक सिर्फ 50 फ़ीसदी रेट अपग्रेड है। आपके पास एंटी कॉलेजन डिवाइस दो प्रतिशत से भी कम है। आप कहते हैं कि सभी जगह एडवांस सिगनलिंग सिस्टम लगाया गया, तो फिर वह काम क्यों नहीं कर रहा है। ऐसे में सवाल खड़े होना लाजमी है। यह बहुत जरूरी प्रश्न है इसलिए सरकार से पूछना जरूरी है।

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