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AC का रंग आखिर सफेद ही क्यूँ ? जानिए इसके पीछे का कारण

रायपुर : गर्मियों में AC की डिमांड बढ़ती जाती है. ऐसे में आधुनिक तकनीकी विकास के साथ, बाजार में कई तरह के एसी उपलब्ध होने लगे हैं जो सस्ते और बिजली की बचत करते हैं. ऐसे में, लोगों की एसी खरीदने की रुचि बढ़ गई है. एयर कंडीशनर दो मुख्य प्रकारों में उपलब्ध होता है: स्प्लिट एसी और विंडो एसी. लेकिन कभी आपने सोचा है कि एयर कंडीशनर हमेशा सफेद रंग में ही क्यों आता है. इसके पीछे का कारण बहुत कम लोगों को पता होगा.

विंडो एयर कंडीशनर में एक ही यूनिट होता है और यह खिड़की में स्थापित होता है. इस यूनिट का बाहरी हिस्सा निकला होता है ताकि यह वातावरण से अच्छी तरह से मिल सके. वहीं, स्प्लिट एयर कंडीशनर में इनडोर यूनिट जो कमरे के अंदर स्थापित होता है और आउटडोर यूनिट जो बाहर स्थापित होता है, दो अलग-अलग यूनिट होते हैं. आमतौर पर, एसी के बाहरी यूनिट का रंग सफेद होता है, जबकि इनडोर यूनिट का कलर अलग हो सकता है.

सफेद रंग सूरज की रोशनी को अधिकतम मात्रा में प्रतिबिंबित करता है और इससे तापमान को कम करने में मदद करता है. व्हाइट कलर या लाइट कलर सनलाइट या हीट को रिफ्लेक्ट करता है. ऐसे में हीट का अब्जॉर्प्शन कम होता है और एसी यूनिट कम गर्म होता है.

सफेद रंग के एसी यूनिट के कारण वे कम गर्म होते हैं. यह रंग केवल उनकी बाहरी प्रतिरोधक कोट को प्रभावित करता है. अंदरीय कंपोनेंट्स, जैसे कंप्रेसर, कंडेंसर, और इवैपोरेटर की हीट पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

जब एसी यूनिट छांव में स्थापित होती है, तो वास्तविकता यह है कि उन्हें कूलिंग के लिए कम मेहनत करनी पड़ती है. छांव में रहने से यूनिट को सीधी सूर्य की किरणों का प्रभाव नहीं पड़ता है, जिससे वह बेहतर रूप से ठंडा होता है और कम संचालित होता है. इसके परिणामस्वरूप, यह अधिक कूलिंग प्रदान करता है और इससे आपको बिजली बिल में बचत होती है.

 

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